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-:: वायरस और एन्टी वायरस :
वायरस बहुत माहिर साफ्टवेयर प्रोग्रामों दवारा कुछ ऐसे साफ्टवेटर डिजाइन किये जाते है। जो किसी भी कम्प्यूटर में प्रवेश कर सकते है तथा उसके डाटा को खराब कर सकते है और कुछ ही समय में आपके कम्प्यूटर पर कब्जा कर लेते है ओैर विन्डो को खराब या करप्ट कर देते है। एन्टीवाइरस कम्प्यूटर में इस्टाल करने से वह कम्प्यूटर के अन्दर छिपे वाइरस को ढूढता लेता है उसे क्लीन कर देता है।
वायरस बहुत माहिर साफ्टवेयर प्रोग्रामों दवारा कुछ ऐसे साफ्टवेटर डिजाइन किये जाते है। जो किसी भी कम्प्यूटर में प्रवेश कर सकते है तथा उसके डाटा को खराब कर सकते है और कुछ ही समय में आपके कम्प्यूटर पर कब्जा कर लेते है ओैर विन्डो को खराब या करप्ट कर देते है। एन्टीवाइरस कम्प्यूटर में इस्टाल करने से वह कम्प्यूटर के अन्दर छिपे वाइरस को ढूढता लेता है उसे क्लीन कर देता है।
एन्टीवाइरस के पास सभी वाइरसों नामों की एक लिस्ट होती है जब हम उसको इंस्टाल करते है वो वह अपनी लिस्ट से वाइरसों के नामों को मैच करता है और मैच हो जाने पर वह उन्हें डिलीट कर देता है एन्टीवाइरस अच्छी तरह से काम करे इसके लिए जरूरी है कि उसे इन्टरनेट के माध्यम से उसे डेली अपडेट किया जाए।
वायरस से बचाव:- किसी भी लुभावने व विज्ञापनों वाले र्इ-मेल को कम्प्यूटर में नही खोलना चाहिए जिस र्इ-मेल आइडी को नही जानते है उस र्इ-मेल आइडी को नही खोलना चाहिए। नकली और पाइरेटेड सी0 डी0 व डी0वी0डी0 का यूज कम्प्यूटर में नही करना चाहिए। किसी दूसरे कम्प्यूटर की पेन ड्राइव अपने कम्प्यूटर में लगाये तो उसे एन्टीवायरस दवारा स्केन कर लेना चहिए
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